दिन गुजरेंगे ये दुखदाई….

असमंजस में जीवन गुजरा
विपरीत दिशा जाती सांसें
कोहराम मचा चहुँ ओर
रोती बिलखती दिखती आंखें
पीर उठे दिल में ‘प्रज्ञा
चीख उठे पत्थर दिल भी
ऐसे दृश्य ना देखे हमने
कल्पना भी कभी न की
दिन गुजरेंगे ये दुखदाई
होगा फिर से नया सवेरा
विनती करते हैं ईश्वर से
मिट जाएगा यह घोर अंधेरा
Very nice
बहुत सुंदर ।।
विनती करते है ईश्वर से
मिट जायेगा यह घोर अन्धेरा
करें प्रार्थना हम ईश्वर से
मिटा कर सबके दुखों का तिमिर
ले आओ प्रभु सभी के जीवन में
फिर से खुशियों का सवेरा
एकता
बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद आपका
Jay Ram jee ki