बहुत प्यार करता हूं
हां मैं तुम्हारा ख्वाब बनना चाहता हूं
जिसको देख तुम जाग जाओ वो नहीं , बल्कि जिसे देख तुम्हें सुकून की नींद आए मैं वो रात बनना चाहता हूं ||
तुम्हारी पैरों की बेटियां नहीं, तुम्हारे पंख बनना चाहता हूं
उर सको जहां खुलके तुम, मैं वो आसमान बनना चाहता हूं||
आंसू तो देने को यूं बहुत हैं ,
पर जो तुम्हें खुशी दे मैं वो वक्त बनना चाहता हूं,
मंजिल की तलाश में सब निकलते है पर मैं वो रास्ता बनाना चाहता हूं जिसपे चलके तुम्हें मंजिल याद न रहे||
हर वो कोशिश करूंगा , जिससे तुम्हारा ख्वाब, ख्वाब न रहे
प्यार तो यूं बहुत करता हूं तुमसे पर, तुम्हें खोने से डरता हूं
इश्क बेपनाह है तुमसे शायद कहने से डरता हूं,
पर शायद तुमने देखा है मेरी आंखों में अपने इश्क की दास्तां,
पर आज कह ही देता हूं तुमसे कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं ||
~ आशुतोष
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