Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
rajesh arman
हर निभाने के दस्तूर क़र्ज़ है मुझ पे
गोया रसीद पे किया कोई दस्तखत हूँ मैं
राजेश'अरमान '
Related Articles
“तारीख”
“तारीख” ********* “तारीख”…!! हाँ.! वही तारीख़…वही माह…! बस वर्ष बदल गया… तुम्हारी तरह ! तारीख़ रह गया…मेरी तरह ! नहीं बदल पाया वो… इस गतिमान…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
बाल गीत
तूफानों से लड़ना होगा , कांटों पर भी चलना होगा फूलों सा महकना होगा, सूरज का चमकना होगा, दुनिया को बदलना होगा , जब से…
बाल गीत
तूफानों से लड़ना होगा , कांटों पर भी चलना होगा फूलों सा महकना होगा, सूरज का चमकना होगा, दुनिया को बदलना होगा , जब से…
बाल गीत
तूफानों से लड़ना होगा , कांटों पर भी चलना होगा फूलों सा महकना होगा, सूरज का चमकना होगा, दुनिया को बदलना होगा , जग से…
वाह