मैं देख नहीं पाता हूं तो क्या!
मैं देख नहीं पाता हूं तो क्या?
महसूस करता हूं,
लोगों की खुशियां,
और उनके गम ।
वो जो देखकर भी नहीं करते।
इतना महसूस कर चुका हूं।
इस दुनिया को,
लोगों से कहीं बेहतर ।
मेरे नहीं देख पाने से भी,
इतनी सुंदर है दुनिया ।
मैं देख नहीं पाता हूं तो क्या!
अतिसुंदर
धन्यवाद सर
सुन्दर
हार्दिक धन्यवाद सुमन जी
अतिसुंदर
धन्यवाद दीप जी
आंखों से अपाहिज व्यक्ति की पीड़ा का बहुत यथार्थ परक एवं मार्मिक चित्रण
हार्दिक धन्यवाद
Very nice
Thank you
Bohot sunder!
Thank you
सुंदर पंक्तियाँ
हार्दिक धन्यवाद
Good
Thank you
Very nice
बहुत बहुत धन्यवाद