स्वच्छता की आवश्यकता

स्वच्छता कि हम एक नई मुहिम चलाएंगे,
गांधी जी के सपनों को साकार कर दिखाएंगे।
धरती हरी भरी होगी,अब स्वच्छ अपनी मति होगी,
गंदगी के ढेरों की,अब ना कोई अति होगी,
पर्यावरण में चहुंओर सुगंध की बयार हम लाएंगे।
गांधी जी के सपनों को साकार कर दिखाएंगे।।
इक दिन धरा भी झूमेगी,इक दिन गगन भी झूमेगा,
जनता के अथक प्रयासों से,भारत फलेगा -फूलेगा,
मां भारती के कर्ज को मिलजुल कर हम चुकाएंगे।
गांधी जी के सपनों को साकार कर दिखाएंगे।।
प्रारंभ स्वयं से करना है,यह संकल्प मन में ठान लो,
अमिता की करबद्ध विनती को,एक बार सब जन मान लो,
स्वच्छता के संदेश से घर -घर में खुशहाली लाएंगे।
वैश्विक पटल पर हम नया कीर्तिमान स्थापित कर जाएंगे।
गांधी जी के सपनों को साकार कर दिखाएंगे।।
_आप सभी को पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।पृथ्वी दिवस को सार्थक बनाने हेतु स्वच्छता की आवश्यकता को बल देती हुई मेरी 🌍🌍

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Responses

  1. पर्यावरण में चहुंओर सुगंध की बयार हम लाएंगे।
    गांधी जी के सपनों को साकार कर दिखाएंगे।।
    इक दिन धरा भी झूमेगी,इक दिन गगन भी झूमेगा,
    ______________ पृथ्वी दिवस पर कवि अमिता जी बहुत खूबसूरत रचना। स्वच्छता अभियान और पर्यावरण पर उत्तम प्रस्तुति

  2. स्वच्छता के संदेश से घर -घर में खुशहाली लाएंगे।
    वैश्विक पटल पर हम नया कीर्तिमान स्थापित कर जाएंगे।
    गांधी जी के सपनों को साकार कर दिखाएंगे।।
    —– बहुत सुंदर पंक्तियाँ, उच्चस्तरीय रचना

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