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ये ख्वाइशें

रेत के महलों की तरह ,हरदम ढहती है ये ख्वाइशें फिर भी हर पल क्यों सजती सवरती है ये ख्वाइशें उम्मीदे इन्ही ज़िंदा रखती सांसों…

10:30 AM

सर्दी की दस्तक़ तुम आओगी न ये कोहरे वाली रातें आने को है सर्दी की दस्तक हल्की हल्की सुनाई दे रही है थोड़ा जल्दी आना,…

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