जब दो दिन का फेरा
पिंजर बनना तय हम सबका,
क्यों लालच में अंधा रें!
प्रेम दया से जी ले रे बंदे
जग दो दिन का फेरा रे।
जाएगा जब इस जग से तू
चार जनों का कंधा रेे।
क्या तेरा क्या है मेरा बस
झूठ फरेब का धंधा रे।
काम नहीं आएगा यह सब
प्रभु भजन कर मनवा रे।
निमिषा सिंघल
Good
Nice