स्वागत कैसे करें तुम्हार
कान्हा तेरो
स्वागत है बारम्बार !
जनमाष्टमी आए
सबके जीवन में हर बार !
मोर मुकुट तेरो सिर पे सोहे
तू जन -जन के मन मोहे
तेरो महिमा अपरमपार
कान्हा तेरो स्वागत है बारम्बार!
देवकीसुत वसुदेव के नन्दन
नन्द- यशोदा करे तेरो अभिनन्दन
मेरो बन्दन भी करो स्वीकार
कान्हा तेरो स्वागत है बारम्बार!
त्रस्त हैं सब वसुधा के बासी
अदृश्य शत्रु करे हमरो उपहासी
चुप काहे है तू तेरे नयन हैं हजार
कान्हा तेरो स्वागत है बारम्बार!
तेरो जन्मदिन कैसे मनाये
मन व्यथित है कैसे सोहर गाये
व्याधि से मुक्त करा, करो सबपे उपकार
कान्हा तेरो स्वागत है बारम्बार !
देखो कैसे जी रहे डर-डर के
तरस गए हैं अपनों के दरश के
सब हंस के मनाये यह त्यौहार
कान्हा तेरो स्वागत है बारम्बार!
सुमन आर्या
अतिसुंदर
बहुत सुंदर रचना है सुमन जी
Atisunder
रचना बेहतरीन हैं।
बहुत खूब
बहुत सुंदर