Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बूंद बूंद बूंदें।
बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बरसती है , आंखों से मेरी । तूने क्यों की रुसवाई , जज्बातों से मेरे। बूंद बूंद…
मयस्सर कहाँ है।
मयस्सर कहाँ हैं सूरते-हमवार देखना, तमन्ना हैं दिल की बस एक बार देखना! किसी भी सूरत वो बख्शा ना जायेगा, गर्दन पे चलेगी हैवान के…
न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
लाजवाब करती बेहतरीन पंक्तियाँ। भावों की इस गहराई को सैल्यूट है। बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
सुन्दर समीक्षा के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया सतीश जी।
आप बहुत प्रेरणादायक समीक्षा करते हैं। अभिवादन🙏
सुंदर
धन्यवाद भाई जी 🙏
Very nice lines, great
Thank you very much chandra ji🙏
बड़ी लाजवाब रचना
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी
बहुत सुंदर पंक्तियां
धन्यवाद आपका प्रतिमा जी
वाह, बेहद सुंदर
Thanks for your pricious complement.
लाजवाब
Thank you very much Indu ji🙏