पल दो पल
दो पल बैठो पास हमारे
ये पल यूँ ही गुजर जाएंगे
दो पल का है साथ हमारा
ये पल लौट कर ना आएंगे
दो पल तुमसे बात तो कर लूँ
ये पल पलकों में ही सिमट जाएंगे
दो पल के लिए भी तुम ना आए तो
ये पल तन्हाई में लिपट जाएंगे
दो पल खुशी के धीरे धीरे रे मना साथी
ये पल फिर कभी ना मिल पाएंगे।।
Vah vah sir👍
👌👌👌✍
Thankuu
पल दो पल की है ये जिन्दगी
इस प्यार को हैं सदियां काफी नहीं
Thankuuu
Nice A1
Thankuu
बहुत सुंदर ग़ज़ल 👌
दो पल के लिए भी तुम ना आए तो
ये पल तन्हाई में लिपट जाएंगे”
वाह, बहुत खूब
वाह, बहुत ख़ूब