Categories: शेर-ओ-शायरी
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कविता :दीपों का त्यौहार
दीपों की जगमग है दिवाली दीपों का श्रृंगार दिवाली है माटी के दीप दिवाली मन में खुशियाँ लाती दिवाली || रंगोली के रंग दिवाली लक्ष्मी…
दीप ऐसा जलाओ
दीप ऐसा जलाओ ************************ *********************** दीप ऐसा जलाओ ऐ दिलबर हर तरफ रौशनी -रौशनी हो। न अमावस की हो रात काली हर निशा चांदनी -चांदनी…
अब कि बार दिवाली में
अब कि बार दिवाली में…. देश का पैसा देश में रखना खर्चा मत करना चाइना की लाईट पर तन मन को प्रशन्नचित रखना कदम से…
आओ दिवाली ऐसी मनाएं
आओ दिवाली ऐसी मनाए , थोड़ी खुशियां हम भी लुटाए। जो तरसे इन खुशियों को इन, आओ दिवाली उन सब की मनाए। थोड़ी मिठाई हम…
विजय मिली विश्राम न समझो
ओ विप्लव के थके साथियों विजय मिली विश्राम न समझो उदित प्रभात हुआ फिर भी छाई चारों ओर उदासी ऊपर मेघ भरे बैठे हैं किंतु…
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