नियति का खेल
जब हम बुरे समय से गुजरते हैं अपने ईश्वर को याद करते हैं सब जल्दी ठीक हो जाये यही फरियाद करते हैं भूल कर उस…
जब हम बुरे समय से गुजरते हैं अपने ईश्वर को याद करते हैं सब जल्दी ठीक हो जाये यही फरियाद करते हैं भूल कर उस…
क्या कोई अपने जीवन से किसी और के कारण रूठ जाता है ? के उसका नियंत्रण खुद अपने जीवन से झूट जाता है? हां जब…
मैं समंदर हूँ ऊपर से हाहाकार पर भीतर अपनी मौज़ों में मस्त हूँ मैं समंदर हूँ दूर से देखोगे तो मुझमें उतर चढ़ाव पाओगे पर…
जब भी अपने भीतर झांकता हूँ खुद को पहचान नहीं पाता हूँ ये मुझ में नया नया सा क्या है ? जो मैं कल था…
चलो रस्मों रिवाज़ों को लांघ कर कुछ दिल की सुनी जाये कुछ मन की करी जाये एक लिस्ट बनाते हैं अधूरी कुछ आशाओं की उस…
चलो थोड़ी मनमर्ज़ियाँ करते हैं पंख लगा कही उड़ आते हैं यूँ तो ज़रूरतें रास्ता रोके रखेंगी हमेशा पर उन ज़रूरतों को पीछे छोड़ थोड़ा…
मैं स्त्री हूँ , और सबका सम्मान रखना जानती हूँ कहना तो नहीं चाहती पर फिर भी कहना चाहती हूँ किसी को ठेस लगे इस…
वो इश्क अब कहाँ मिलता है जो पहले हुआ करता था कोई मिले न मिले उससे रूह का रिश्ता हुआ करता था आज तो एक…
बात उन दिनों की है जब बचपन में घरोंदा बनाते थे उसे खूब प्यार से सजाते थे कही ढेर न हो जाये आंधी और तूफानों…
श्याम तेरी बन के मैं बड़ा पछताई न मीरा ही कहलाई न राधा सी तुझको भायी श्याम तेरी बन के मैं बड़ा पछताई न रहती…
देखो फिर आई दीपावली, देखो फिर आई दीपावली अन्धकार पर प्रकाश पर्व की दीपावली नयी उमीदों नयी खुशियों की दीपावली हमारी संस्कृति और धरोहर की…
जब तुम आँखों से आस बन के बहते हो उस वख्त तम्हारी और हो जाती हूँ मैं लड़खड़ाती गिरती और संभलती हुई सिर्फ तुम्हारी धुन…
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो इत्र बन कर मेहकती रहूंगी तुम्हारे बदन की खुशबू के साथ तुम न आ सको…
ज़िन्दगी मुझ से बस अपनी ही मनवाती है कभी मेरी सुनती नहीं बस अपनी ही सुनाती है… कभी जो पूछू सवाल उस से,माँगा करू जवाब…
मैनें पूछा के फिर कब आओगे, उसने कहा मालूम नहीं एक डर हमेशा रहता है , जब वो कहता है मालूम नहीं चंद घडियॉ ही…
हर तरफ उजाला हो ये जरुरी तो नहीं मुझे धीमी रोशनी भी अच्छी लगती है यहाँ हर कोई एक आरज़ू ओढ़े बैठा है पर सबकी…
मेरी कलम , जिससे कुछ ऐसा लिखूँ के शब्दों में छुपे एहसास को कागज़ पे उतार पाऊँ और मरने के बाद भी अपनी कविता से…
कोई शाम ऐसी भी तो हो जब तुम लौट आओ घर को और कोई बहाना बाकी न हो मुदत्तों भागते रहे खुद से जो चाहा…
मेरी रचना व मेरी मेरी शब्द अब रहे नहीं सिर्फ मुझ तक अब इन में बसा आपका प्यार और आशीर्वाद के मैं जो भी लिखती…
मेरी छाँव मे जो भी पथिक आया थोडी देर ठहरा और सुस्ताया मेरा मन पुलकित हुआ हर्षाया मैं उसकी आवभगत में झूम झूम लहराया मिला…
जब से इश्क़ का विषपान किया मैं पूर्ण खुद को पाती हूँ कितना भी कड़वा हो ये विष इसे पी कर मैं श्री शंकर सी…
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
इस बार घट स्थापना वो ही करे जिसने कोई बेटी रुलायी न हो वरना बंद करो ये ढोंग नव दिन देवी पूजने का जब तुमको…
जब भी तुम्हें लगे की तुम्हारी परेशानियों का कोई अंत नहीं मेरा जीवन भी क्या जीना है जिसमे किसी का संग नहीं तो आओ सुनाऊँ…
थक चूका हूँ , पर हारा नहीं हूँ मैं निरंतर चलता रहूँगा आगे बढ़ता रहूँगा उदास हूँ ,मायूस हूँ पर मुझे जितना भी आज़मा लो…
एक खुशबु सी बिखर जाती है मेरे इर्द गिर्द जब याद आते हैं मुझे मेरे मित्र जब भी मन विचलित होता है किसी अप्रिय घटना…
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने बस इतना सुकून है जैसा तुमने किया वैसा नहीं किया मैंने जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने हाँ खुद से प्यार…
आज कल ओझल हो गयी है हिंदी एसे महिलाओं के माथे से बिंदी जैसे कभी जो थोड़ा बहुत कह सुन लेते थे लोग अब उनकी…
हाँ ये सच है, कई बार हुआ है प्यार मुझे हर बार उसी शिद्दत से हर बार टूटा और सम्भ्ला उतनी ही दिक्कत से हर…
मेरी छाँव मे जो भी पथिक आया थोडी देर ठहरा और सुस्ताया मेरा मन पुलकित हुआ हर्षाया मैं उसकी आवभगत में झूम झूम लहराया मिला…
नारी होना अच्छा है पर उतना आसान नहीं मेरी ना मानो तो इतिहास गवाह है किस किस ने दिया यहाँ बलिदान नहीं जब लाज बचाने…
कल्पनाओं में बहुत जी चूका मैं अब इस पल में जीना चाहता हूँ मैं हो असर जहाँ न कुछ पाने का न खोने का उस…
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