टिम टिम करते लाखों तारे
टिम टिम करते लाखों तारे *********************** टिम टिम करते लाखों तारे। देखो लगते कितने प्यारे।। सुन्दर आकास सजा है ऐसे। हीरे-मोती से थाल भरा है…
टिम टिम करते लाखों तारे *********************** टिम टिम करते लाखों तारे। देखो लगते कितने प्यारे।। सुन्दर आकास सजा है ऐसे। हीरे-मोती से थाल भरा है…
मुख खोलो कुछ बचन कहो इसमें क्या कोई घाटा है। रौनक क्योंकर खोई -सी है आज पटल पर सन्नाटा है।।
मैं सड़क बेचारी ज्यों अबला नारी। पग पग दलित परम दुखियारी।। हाय मैं सड़क बेचारी काट दिया कोई कहीं पर और बहा दिया पानी घर…
कुछ दिन बचे हैं पूस के ये भी निकल हीं जाऐंगे। सर्दी है चारों ओर व्यापित कब तक हमें सताऐंगे।। क्या कंबल रजाई कफी है…
वही सागर का तट बालुकामय सतह। जहाँ आनन्द मनाया कुछ इस तरह।। खाया -खेला नाचा-गया। गीले बालुका पर अंगूठा घुमाया। कुछ इस तरह।। अंकित हुआ…
एक बार यमराज आया धरती पर। सोच में पड़ गया मानव को देखकर।। क्या खुशनसीब हैं ये इन्सां। मरणशील को कारें कारें मैं अमर यमराज…
जब कागज का नाव बनाया मैं तो बिल्कुल बच्चा था। तन का थोड़ा कच्चा था पर दिल का बड़ा ही सच्चा था।। जब कागज का…
अनोखाजी चले बाजार। टौर से हो फटफटि सवार।। साथ में चली श्रीमति जी। चहक रहे थे आज पतिजी।। कितने अच्छे हैं टमाटर। आओ खरीदे साथ…
मेरी सांसों पे तेरा अधिकार हो गया। लो सजना मुझे तुमसे प्यार हो गया।। ना सूरत पसन्द, ना शोहरत पसन्द तेरी चाहत पे ऐसा इकरार…
तेरी परछाई को देख लेता हूँ चेहरे को देखने का मौका कहाँ मिलता। ज़िन्दगी के इस खेल में दौड़-दौड़ दौड़ लेता हूँ चौका कहाँ मिलता।।
मार्गशीर्ष मास अतिपावन। उत्पना व मोक्षदा सुहावन।। सफला अरु पुत्रदा एकादशी। पौष मास मह बहु सुखरासी ।। षटतिला अरु जया बड़नामी। माघ मास के उत्तम…
बड़ी अजीब है ये घुँघरू। बन्धे जब दुल्हन के पैरों में बड़े खुशनसीब है ये घुँघरू।। झनकती जब ये कोठों पर बड़े हीं गरीब हैं…
एक तो शीतलहर दूजा बेगाना शहर। फिर भी अटल रहेंगे हम किसान धरने पर।। हम क्यों माने हार बंधु हम तो हैं अन्नदाता जग में।…
सर्दी की धूप बड़ी सुहानी सेवन कर प्राणी सुखदाई । चेतन जीव की क्या कहिये सुख जड़ जात भी पाई।। ठण्ड हरे नित जीव जगत…
लो फिर आ गई है सर्दी पूरे लाव -लश्कर के साथ में। हवा भी ठण्ढी सूरज मद्धिम घना कुहासा दिन और रात में।। बिन बादल…
सुप्रभात लिखते -लिखते फिर से सबेरा हो गया । उपालम्भ आया फिर भी आखिर ऐसा क्या हो गया?
ममता मूल दुखद तरुवर के ,नैनन नीर बहावे। निर्मोही जड़ जीव जगत में ,सुख सरिता बहावे।। श्वान शुका अजशावक जे , मरत मूढ़मति आवे। निश-दिन…
ममता मूल दुखद तरुवर के ,नैनन नीर बहावे। निर्मोही जड़ जीव जगत में ,सुख सरिता बहावे।। श्वान शुका अजशावक जे , मरत मूढ़मति आवे। निश-दिन…
तीन दिसम्बर अठारह सौ चौरासी का पावन दिवस मनोहर था। घर-घर मंगल गान गुंजते बजे बधाईयाँ संग सोहर था।। आसमान से टपक सितारा आया बिहार…
अश्कों का समन्दर है अँखियों में मेरी एक कागज की किश्ती कहाँ से चलेगी। है ये बदनाम बस्ती हमारी सनम इश्क की फिर कलियाँ कहाँ…
मेरी जान तुम्हारे जान का सौगात माँगता है। ये जान लिया, जब जान मेरी , ले जान हथेली दिन-रात माँगता है। । लाँघ नफ़रत की…
बहुत गमगीन हो रही ज़िन्दगी मुस्कुराने की दवा चाहिए। मर्ज बनकर खड़ी है नफरते प्यार की एक हवा चाहिए।। चाहते हैं सभी सेकना रोटियाँ तप्त-सा…
एक छोटी -सी डब्बी में नाचती हैं सूईयाँ बेशक बन्द होकर। पर नचाती है सारी दुनिया को अपनी हीं नोंक पर।। न ठहरती है कभी…
कलम भी वही है दावात भी वही है। दिल में भरे मेरे जज़्बात भी वही है ।। लिखना चाहूँ मै एक गजल आप पर पर…
क्या खराबी है कि मियां शराबी है । शराबी की बीबी हूँ इसमें भी नवाबी है।। रोज पकौरे और सलाद दिखते घर में हो आबाद…
पति की गलती पुत्र की गलती गलती करे चाहे भाई-बाप। हर गलती पर रोए नारी आखिर ये है कैसा संताप।। अपराध नहीं करती कोई एक…
लेके छठी मैया का प्रसाद हम आए आज सावन पे। मैया का गाए गुणा नुवाद देखो आज सावन पे।। जीवन में ना होवे विषाद अपने…
सुस्वागतम् पाण्डेयजी क्या आप में आकर्षण है मंच पर आने से सिर्फ सावा घड़ी पहले खींच लिया मेरे दिल से कविता। बीत गई वो रातें…
कतरा -ए-आब लपक लेते हैं सभी भरे समन्दर को कोई चुराया है क्या ? पकड़ के कबूतर उड़ा लेते हैं सभी कोई बाजों को आखिर…
दीप ऐसा जलाओ ************************ *********************** दीप ऐसा जलाओ ऐ दिलबर हर तरफ रौशनी -रौशनी हो। न अमावस की हो रात काली हर निशा चांदनी -चांदनी…
सगरों साल बहानेबाजी आय नञ चलत सजना। धनतेरस में चांदी नाही चाही सोनक गहना।। पैरक पायल नहियें लेबय लेबय हाथक कंगना। धनतेरस में चांदी नाही…
अवतार लिए धन्वंतरि सुधा कुम्भ ले हाथ। आरोग्य के हैं देवता नमित करो निज माथ।। आधि व्याधि सब मिटे होय जगत कल्याण। धनतेरस की शुभकामना…
न होती हर रात अमावस की न होती हर रोज दिवाली है। जब दीप जले दिल का दिलबर समझो उस रोज दिवाली है।।
ऐ चाँद भला क्यों इतरा रहे हो जल्दी छत पर आओ ना। भूखी-प्यासी प्यारी मेरी कब से बाट निहारे आओ ना।। कितनी सज-धज के आई…
उठ जा लाडो सरगी लेकर तेरी सासु अम्मा आई है। हाथ दिखाओ मेंहदीवाली कित प्रीत पिया की पाई है।। पहिला रंग पिया का प्यार ।…
यूँ हीं बैशाखी चली गई बिन भंगरा बिन गिद्दा के। फीके सारे पर्व पर गए बिना खीर -मलिद्दा के।। लाॅकडाउन ने खाया सब हम क्या…
चाँद भी फीका पड़ गया तेरे छत पे आने के बाद। सूरज भी नभ में ढक गया जुल्फ घटा लहराने के बाद।। कोयल भी सुनकर…
मुझको निगोड़े ने न सोने दिया। डी जे बजाया और भँगरा किया।। रात भर मुझको न सोने दिया। बड़ी मुश्किल से थोड़ी- सी आँखें लगी।…
तुम अपने मुहब्बत का हिसाब मत देना। अबकी वेलेंटाइन पे यारा गुलाब मत देना।। फूल तो देना मगर काँटों का घाव मत देना। खुली आँखों…
दिल दरिया है तेरा तो मेरा भी कोई सरोवर नहीं। झाँक के देखो तो इन अँखियों में समन्दर मिलेगा।।
बापू तुम्हारे सपनों को हम साकार करेंगे। हम हिन्द के हैं बालक सेवादार बनेंगे।। इसे प्यार करेंगे।। मूल मंत्र जो दिया आपने, सत्य अहिंसा का…
महात्मा गांधी सत्य अहिंसा को अपनाकर जीवन को साकार किया। एक वस्त्र में खुद को रखकर जन जन का उद्धार किया।। बाल्य काल में शिक्षा…
गांधीजी और शास्त्रीजी का जन्मदिन है एक साथ। सम्मान में इनके विनयचंद तू आज झुकाओ अपना माथ।।
किसी ने पूछा पंडितजी क्यों लिखते हो आखिर कविता। क्या कुछ हासिल होता है या फिर यूँही रहे हो समय बिता।। छन्द हमारा पिता बन्धुओं…
सदा सड़क पर बांध के मुखरा घूमने वाली मैं थी जिसका घुटन भला क्यों हो रही आली घूंघट में ,क्या कारण इसका? बेपर्द बनाया जग…
सागर-सी गहराई बिन। नदी सुहानी पानी बिन।। नाच के हाथी नहा रहा था। और जहाज भी आ रहा था।। बूटा-बूटा पत्ता -पत्ता गिरिवर भी हर्षा…
सावन के इस मंच पर कवियों का है संगम। सुंदर सुहानी संध्या में छोड़ें कुछ सरगम।। दो पद हम लिखते हैं दो पद तुम भी…
तिलक तुम्हारी माया नगरी बदनाम हो रही है। नशा नग्नता गुण्डागर्दी अब सरेआम हो रही है।। चोरों का आतंक नगर में -डर नहीं लगता ।…
सितारों की दुनिया में कैसा नशा छा रहा। दिल ने आदर्श बनाया मन ठगा जा रहा।। जन- जन ने हीरो बनाया था जिसको वही आज…
हिन्दी साहित्य के कर्णधार हे हे प्रकाशपुंज नक्षत्र हे दिनकर । हे राष्ट्रकवि आजादी के योद्घा रामधारीसिंह के जन्मदिवस पर।। पद पंकज में दे पुष्पांजलि…
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