Kasti ko kinare laga do
कश्ती को किनारे लगा दो,
मेरी नैया को अब तुम ही संभालो,
बीच भंवर में फंसी है मेरी नैया,
अब तुम ही इसे पार लगा दो,
तू ही साथी, तू ही सहारा,
तू ही है सब कुछ हमारा,
जीवन मेरा अब तेरे हवाले,
तू चाहे तो किनारे लगा दे,
विनती मेरी सुन ले भगवन,
सारे दुख अब हर ले भगवन |77
Wah