Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
बेटी पढाओ अपनी शान बढाओ
कोमल हमेशा अपने माता पिता से डाट फटकार सुना करती थी। जबकि कोमल आठवीं कक्षा के छात्रा थी। पढ़ने लिखने में अपनी क्लास में अव्वल…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
अमरकंठ से निकली रेवा
अमरकंठ से निकली रेवा अमृत्व का वरदान लीए। वादियां सब गूँज उठी और वृक्ष खड़े प्रणाम कीए। तवा,गंजाल,कुण्डी,चोरल और मान,हटनी को साथ लीए। अमरकंठ से…
कविता
कविता- ज्योति पासवान ——————————– आज लूटी है उस की ज्योति ,कल तेरी ज्योति लूट जाएगी| आंख की ज्योति , घर की ज्योति! ज्योति चाहे जिसकी…
Waah
Thank