एक उम्रभर

जिसे अपना समझकर
चाहतें रहे एक उम्र भर

जिसे अपना कहकर
इतराते रहे एक उम्र भर

जिससे आईने में देखकर
शर्माते रहे एक उम्र भर

जिसे अपनी हर दुआ में
खुदा से मांगते रहे उम्र भर

जिसे अपनी हर कामयाबी में
साथ पाकर दिल को भरमते
रहे एक उम्र भर।

जिसे दिल के हर कोने में बिठाकर
रिश्ता निभाते रहे एक उम्र भर

जिसे मोहब्बत का खुदा समझकर
यादों के अंजुमन चढ़ाते रहे एक उम्र भर

जिसे पाना नामुमकिन था उसी से
मुलाकातों के गुल खिलाते रहे एक उम्र भर

जिसे सुनकर अपने लब-ए-रुखसार पर
तबस्सुम लाते रहे एक उम्र भर

जिसके हाथों से मेरी तबाही लिखी थी
उसी को अपना बनाते रहे एक उम्र भर

उसी ने यारों गमे जिंदगी जुदाई दी
जिसकी मोहब्बत की दास्तां सुनाते रहे एक उम्र भर।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

New Report

Close