कुछ हल जरूर होगा
भारी ठंड है
वे सिंधु बॉर्डर पर
धरने पर हैं,
कई बुजुर्ग किसान
धरने पर हैं।
दस वर्ष के बच्चे तक
धरने पर हैं।
ठिठुरन है
लेकिन वे अड़िग
धरने पर हैं।
देश की सत्ता
अपनी संवेदनशीलता
और कुशलता का
परिचय दे,
मामले को तत्परता से
सुलझा ले।
कुछ हल जरूर होगा,
हल निकाल कर
अपनी काबिलियत का
परिचय दे।
दुनिया हंस रही है
हँसेगी ही,
इन उलझनों से
अर्थव्यवस्था फँसेगी ही।
जितना लंबा खिंचेगा
आंदोलन,
उतना आर्थिक नुकसान होगा,
देश पीछे होगा।
हल तो निकलेगा ही
लेकिन समय पर
हल निकले तो
नुकसान भी कम रहेगा
धरने पर बैठे उन बुजुर्ग का
मान-सम्मान भी रहेगा।
बहुत ही अच्छा लेखन
बहुत खूब
बहुत ही सुंदर लिखा है
अतिसुंदर भाव
किसानों की समस्या पर बहुत ही अच्छा लिखा है
किसानों के आन्दोलन के बारे मैं विचार विमर्श करती हुई बहुत सुंदर और सटीक रचना