कोरोना तेरा सितम हो गया
महफ़िलों से डरने लगे हम,
कोरोना का जबसे हुआ है सितम
महकती थी जिन लोगों से ज़िन्दगी,
उनसे अब मिलना हुआ है कम
कम क्या, समझो बंद ही हो गया,
कोरोना तेरा बहुत सितम हो गया
तेरे ना जाने का अब तो गम हो गया
टीका आने की राह देखते-देखते,
मौसम भी देखो नम हो गया
कोरोना, तुझे माफ़ करे ना ये दुनियां,
तू परेशानी का सबब हो गया..
*****✍️गीता
सही कह रही हो दी
अब गुस्सा आने लगी है
बहुत बहुत धन्यवाद, सही कहा प्रज्ञा , गुस्सा भी और हताशा भी सब हो रहा है। मजबूर कर दिया है कोरोना ने
शायद सब्र हम सब खो चुके,
तभी तो हम हिम्मत हार चुके।
बहुत बहुत धन्यवाद अमित जी । आपने बिल्कुल सही कहा है
बेहतरीन
बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏
Nyc
Thanks
धन्यवाद विवेक भाई