खुले हैं द्वार चले आओ तुम।।
खुले हैं द्वार चले आओ तुम
अब हमको न यूं सताओ तुम। जिंदगी तो पहले ही बेवफा थी
अब किस्मत को बेवफा ना बनाओ तुम।
दीप टिम टिम से जगमगाते हैं
भंवरे भी प्रेम गीत गाते हैं।
यौवन में उच्छवास होता है
जब कोई मीत पास होता है।
इच्छा की छोटी-सी कुमुदिनी में
सच होने का स्वप्न होता है।
डूबी नाव को खेवाओ तुम,
खुले हैं द्वार चले आओ तुम
अब हमको न यूँ सताओ तुम।।
Bahut sundar rachana
Thanks