खूबसूरत शाम
खूबसूरत शाम
चारों ओर चमकते बल्ब
लग रहे हैं ऐसे
किसी ने
काली चुनरी में
सितारे जड़ दिए हों जैसे।
चमचम चमकता शहर
सांझ का पहर
देख ले जी भर कर
विलंब न कर।
ये आसमान के सितारे
जमीं पर किसने उतारे,
जिसने भी उतारे
मगर लग रहे हैं प्यारे।
वाह,पर्वतों की रात के खूबसूरत नज़ारे का बहुत ही खूबसूरत चित्रण प्रस्तुत करती हुई बहुत सुन्दर कविता।बहुत सुंदर लय और बहुत सुंदर शिल्प
सुन्दर समीक्षा हेतु बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी, अभिवादन
बहुत खूबसूरत रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बहुत सुंदर कविता
बहुत बहुत धन्यवाद
Beautiful lines
Thanks ji
प्रकृति का सजीव चित्रण
धन्यवाद