गज़ल
गज़ल
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जहर यह उम्र भर का
एक पल में पी लिया हमने।
तुम्हारे साथ जन्मो जन्म रिश्ता जी लिया हमने।
1.मुकम्मल ना हुआ तो क्या
इश्क को जी लिया हमने
कहते हैं आग का दरिया
डूब कर देख लिया हमने।
2.चिरागों की जरूरत क्या पड़ेगी हमको ए कातिल,
जलाकर खुद का दिल ही आज कर ली रोशनी हमने।
3. तुम्हारे बक्शे जख्मों को हरा रखना ….
आदत बना ली है
जो गहरे घाव है दिल के सजा कर रख लिए हमने।
4.सितमगर इश्क़ ने तेरे हमें सूफी बना डाला,
खुदा की आयते पढ़ते है वैसे तुझको पढ़ डाला।
5. जलालत तेरी खातिर दुनिया भर की सह गए हम तो,
जहर के प्याले भर -भर चाशनी सा पी लिया हमने।
6. बड़ी ही खूबसूरत अब तेरी मेरी कहानी है
किसी से पूछना क्या!
पूरी कायनात गुलाबी है।
7. रूह तो साथ है तेरे
अकेले से जिए जाते,
ख़ुदा अब बख्श दे कुछ चैन ओ सुकून इश्क के मारो को।
निमिषा सिंघल
Nice
🙏🙏
Nice
Thanks dear
Good
Thank you
Good
🌺🌺🌺🙏🙏
Welcome
Good
❤️❤️