गीत मोहब्बतों के भी लिखे जायेंगे।
यूँ ना बाँटो नफ़रतों की पर्चीयां,
गीत मोहब्बतों के भी लिखे जायेंगे।
सितम चाहे कितने, भी कर लो,
फूलों की ज़िद है, खिल ही जायेंगे।
इतिहास जब भी, पढ़ा जाएगा,
दर्शन आपके हर बार, किये जायेंगे।
बीजों को गाड़ दो अतल में कहीं,
एक दिन चीरकर पत्थर आ जायेंगे।
एक खोजी, अंतर मन से हो जाग्रित,
टूटे हुए कलम, फिर उठाए जायेंगे।
हम थे ही कब, जो सदा ही रहेंगे,
बदलते दौर की कहानी बन जायेंगे।
बहुत सुंदर
शुक्रिया जी🙏
Sunder soch aur sunder kavita
आपका आभार 🙏
बेहतरीन
धन्यवाद आपका जी🙏
सुन्दर भाव से परिपूर्ण सुंदर रचना
धन्यवाद जी 💐
वाह वाह बहुत सुंदर कविता
आप सब की समीक्षा से लिखने का हौसला मिलता है। धन्यवाद जी 🙏