Categories: गीत
ओमप्रकाश चंदेल
कविता, गीत, कहानी लेखन
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कर सकें तो मदद करें मजदूर पर राजनिति नहीं आये दिन देखने को मिल रहा है सभी राजनीति पार्टियां मजदूरों पर राजनीति करने के लिए…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
मजदूर हूं मैं !
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मैं मजदूर हूँ
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प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
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kadve sach ko ugalti he aapki kavita
धन्यवाद आपका
nice poem 🙂
,धन्यवाद जी
Nice one 🙂
धन्यवाद
Aansoo he nehi hai unke paas, Rone ke liye…. Bohut khoob likha hai is dard ke ehsaas ko…bdhaii ho Omparkash jee
आपका बहुत बहुत धन्यवाद शर्मा जी
bahut khoob!
धन्यवाद आपका
ओमप्रकाश चंदेलजी धन्यवाद ! आप की सेवा में –
दर्द सहकर भी, दुःख बताते नहीं |
आंसू की धार नहीं ,दुखी कहने के लिए ||
भूखे बिता लेते ,खुद बहलाने के लिए |
मजदूर हूँ मजबूर ,दुःख सहने के लिए ||
पांव में छाले पड़े ,कहीं दिखाता नहीं |
थक जाता हूँ , कभी सुस्ताता नहीं ||
धर्म करता हूँ , कभी सताता नहीं |
कर्म पर विश्वास , कहीं घबराता नहीं ||
बहुत बढ़िया सर
आपका धन्यवाद
G
Nice
वाह