*ज़िन्दगी का काफिला*
ज़िन्दगी की राहों पर,
काफिला चलता गया
जो ठहर गया बिछड़ता गया
सूरज उगता रहा ढलता गया,
मन में कोई ख्वाब पलता गया
किसी की कामयाबी देखकर,
कोई खुश हुआ, कोई जलता गया
बहाने बनाते रहे आप सदा,
काम ज़रूरी था, टलता गया
किसी का साथ दिया वक्त ने,
किसी को वक्त छलता गया
*****✍️गीता
NICE
Thanks Anu ji
Very good👍
Thanks Rishi ji
बहुत सुंदर रचना👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा
बहुत खूब, कवि गीता जी की कलम से निकली उम्दा रचना
बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी 🙏
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏