ज्वाला

तन मन में मेरे ज्वाला धधक रहा,
सीने में मेरे बदले की भावना पनप रहा।
दूर हो जा मेरे नज़रों से पापी पाकिस्तानी,
तेरे दशहतगर्द का खेल मैं जान रहा।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

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Responses

  1. तन मन में मेरे ज्वाला धधक रही
    सीने में बदले की भावना पनप रही
    दूर हो जा मेरी नजरों से पापी पाकिस्तान
    तेरी दहशतगर्दी का खेल।

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