Categories: मुक्तक
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
भावना-सद् भावना
भावना सद्भावना ( 12-मात्रा ) स्वच्छंद वितान में मानवीय विधान में शब्द की झंकार में गीत मधुर सुहावना भावना सद्भावना ..। तन में दिव्य शक्ति…
नापाक पाकिस्तान
नापाक पाकिस्तानी शेर गरजना फैल रही है चारो ओर दिशाओ में, नापाक पाकिस्तान ले लेगें अपनी साये में । अब ना हम सुनेगें एक तेरे…
Nice
Nice
तन मन में मेरे ज्वाला धधक रही
सीने में बदले की भावना पनप रही
दूर हो जा मेरी नजरों से पापी पाकिस्तान
तेरी दहशतगर्दी का खेल।
👏👏
वीर रस का सुंदर प्रयोग
बहुत सुंदर पंक्तियां