तुम्हारे नाम की मेंहदी…
तुम कहते रहे और हम सुनते रहे
आख़री वक्त तक सपने बुनते रहे,
उठ गई डोली मेरे अरमानों की फिर भी
हम तुम्हारे नाम की मेंहदी रचते रहे…
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 1, 2020, 1:36 pm
सुंदर
Pragya Shukla - December 1, 2020, 1:39 pm
धन्यवाद