तू सागर मैं किनारा

तू समन्दर मैं तेरा किनारा बनूं,
तू जो बिखर जाए तेरा सहारा बनूँ,
मुझसे टकराये तू,
मुझमे मिल जाए तू,
तुझमे बस जाऊं मैं,
मुझमे बस जाए तू,
तू समन्दर मैं तेरा….
ओ समन्दर तू मुझसे यूँ रूठा ना कर,
मुझसे मिलकर तू मुझको यूँ छोड़ा ना कर,
है तेरे बिन सूना मेरा आँगन सुनो,
ऐ समन्दर तुम आकर के खेला करो,
ये जो रिश्ता है मिलकर बिछड़ने का तुमसे,
हो सके तो यूँही निभाने का वादा करो,
तू समन्दर मैं तेरा किनारा बनूं,
तू जो बिखर जाए तेरा सहारा बनूं॥
राही (अंजाना)
अतिउत्तम जी |
Good