Categories: शेर-ओ-शायरी
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
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मिस्टर लेट लतीफ
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-13
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Very good
Very nice
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अति सुंदर
भाव अच्छा है, बस सही शब्द चयन की आवश्यकता है
Good
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