Categories: शेर-ओ-शायरी
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यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
सत्ता का खेल
कल भी वही दौर था, आज भी वही दौर है । पन्ने पलट लो, इतिहास गवाह बतौर है । तख्तो-ताज लूट गये । राजे-महराजे मिट…
चन्द्रयान
चन्द्रयान गिरते सम्भलते उठते रहेंगे चांद की गली में पहुंच कर रहेंगे सम्पर्क टूटने से रिस्ते खत्म नहीं होते कामयाबी की सीढ़ी चढ़ कर रहेंगे…
सावधान हों
“**सावधान हों”** ****** सावधान होकर रहें , विपदा- शूली राह । आतुरता करती सदा , जीवन भर गुमराह।। अजी सब सावधान हों , नहीं व्यवधान…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
बिल्कुल सही लिखा है आपने
यथार्थ तथा समसामयिक रचना
सुंदर