पथरों के शहर

पथरों के शहर

बस्ती है यह पथरों की

शहर जिसे कहते लोग

बस्ती यह ऊँची मंजिलों की

जहां छोटे दिल के बस्ते लोग

 

बस्ती है यह मकानों की

यहां घर नहीं मिला करते

बस्ती यह उन महफलों की

जिनमें ठहाके नहीं लगा करते

 

यह सफेद खून की बस्ती है

रिश्तो के रंग नही मिला करते

यहां प्यार मोहब्बत पैसा है

ईमान नही मिला करते

 

यहां चमक हर शै की आला है

असल में सब काला है

यहां सूरत पे मत मिट जाना

सीरत सबकी मैली है

 

मोल चुका सकते हो तो

हर मुस्कान तुम्हारी है

इस बस्ती की फिज़ाओ में

वफा बिलकुल बेमानी है

 

भागम भाग में यह दुनीया

यूई किस चीज की जल्दी है ?

कहते है बसते जिंदा लोग यहां

मुझे दिखती ज़िन्दा लाशे है

                                       ….. यूई

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