पहरेदार
अब लोगों में वो पहले जैसी बात कहाँ है,
दिल है पर वो पहले जैसे जज़्बात कहाँ है,
आखिर है कौन यहाँ जो गुनेहगार नहीं है,
सच में सच वो पहले जैसे पहरेदार कहाँ है,
सर के साथ जो दिल झुकाके मिलता था,
महफ़िल में वो पहले जैसी शुरुवात कहाँ है।।
राही अंजाना
Bhut khub
Thanks
Good
Thanks
वाह
Thanks
वाह बहुत सुंदर
ढNयवाद
Nice
धन्यवाद
Wah
Waah
वाह वाह
Good