“पीर मोहब्बत की”
कभी झाँककर देखो
मेरे दिल की गहराई
तुम भी रो पड़ोगे देख !
मेरे यार की रुसवाई
पीर मेरी मोहब्बत की
बस जानता है वो !
जिसने उम्र भर मोहब्बत में
फकत दिल पे चोट है खाई
कभी झाँककर देखो
मेरे दिल की गहराई
तुम भी रो पड़ोगे देख !
मेरे यार की रुसवाई
पीर मेरी मोहब्बत की
बस जानता है वो !
जिसने उम्र भर मोहब्बत में
फकत दिल पे चोट है खाई
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बहुत खूब, सुन्दर अभिव्यक्ति
Thanks
बहुत उम्दा
Tq
बहुत ख़ूब हृदय स्पर्शी रचना
Thanks
अतिसुंदर