फरेब
चाहें जहाँ भी छुपना चाहा हर बार पकड़ा गया,
रास्ता साफ दिखने वाला भी अक्सर पथरा गया,
बड़े प्यार से काम पर काम निकलता रहा पहले,
फिर नज़रें मिलाने वाला भी बचकर कतरा गया,
प्यार की झूठी कहानी गढ़कर यूँही बढ़ता गया,
फिर एक रोज सीधे ख्वाबों से फरेब टकरा गया,
क्या यही प्रेम है जो आत्मविश्वास से अड़ता गया,
या वो झूठ जो सच पर लगाकर सीधी चढ़ता गया।।
राही अंजाना
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - November 11, 2019, 11:48 am
बहुत सुन्दर
राही अंजाना - November 11, 2019, 11:53 am
धन्यवाद
देवेश साखरे 'देव' - November 11, 2019, 11:56 am
बहुत खूब
राही अंजाना - November 11, 2019, 12:28 pm
धन्यवD
nitu kandera - November 11, 2019, 4:33 pm
nice
राही अंजाना - November 11, 2019, 6:08 pm
आभार
NIMISHA SINGHAL - November 11, 2019, 8:52 pm
Good
राही अंजाना - November 12, 2019, 8:58 am
धन्यवाद
Neha - November 18, 2019, 8:21 pm
Waah
राही अंजाना - November 18, 2019, 10:16 pm
धन्यवाद
Abhishek kumar - November 24, 2019, 9:09 am
Maast
राही अंजाना - November 24, 2019, 7:39 pm
धन्यवाद
Pragya Shukla - February 29, 2020, 5:45 pm
Good