बारी हैं!!!
बहुत सो लिए हम,, अब हमारे जागने की बारी हैं!!!
बहुत लूटा परिंदों ने, अब तड़पने की उनकी बारी हैं!!!
मन हमारे अकेले थे, सो वार कर गये वो हम पर,,
अब एकजुट होकर कुछ कर गुजरने की बारी हैं!!
28 राज्य और 3 देशों में बिखर कर रह गया इंडिया,,
अब इंडिया को अखंड साम्राज्य भारत बनाने की बारी हैं!!!
aapki kavita hamesha aur likhne ko inspire karti he..bahut achi kavita
Bade bhai… M kavita likhta hi Ni… Sirf tukbandi krta hu…
Kavita to Wo h jo baaki aap sab likhte ho… Dhanyabaad dost.. Aapko acchi lgi
ye aapka badappan he….jo aap aisa kah rahe ho
अदभुत पंक्तियाँ
behatareen … kya bat h.. 🙂
Thanku bade bhai 🙂
motivational poem..:)
Good
वाह बहुत सुंदर