बुद्धू सा मन
बुद्धू सा मन चंचल सा यह तन
बहका बहका सा लगे
सांसो का भी चलन।
१.
दर्पण बनी तेरी आंखें मेरे सनम
सरगोशियां तेरी सीने में दे जलन।
बतियां तेरी मुझे बहका ना दे सनम,
बुद्धु सा मन…..
२.
सांसों में मेरी तेरे ही सुर बसे
धड़कन बनी घड़ी भागे समयसे परे।
शर्मो हया मेरे गालों पर फिर सजे
बुद्धु सा मन…
निमिषा सिंघल
बहुत सुन्दर
Thank you
Nice
Thank you
Bahut khub
आभार मित्र
वाह बहुत सुंदर
धन्यवाद