मानवता का मजहब

भारतवासी गर्व है तुझ पर
तेरी एकता सच्चे मजहब पर

प्रेम अखंडता की परिभाषा है तू
स्नेह से दुलारी हुई भाषा है तू

दंगों से हुआ था ना दिल तेरा कच्चा
तू भारत का पूत है सच्चा

जब दंगों से जले आशियाने
तुम गए मदद का हाथ बढ़ाने

मंदिर को बचाने आए मौलाना
तो पंडित खड़े थे मस्जिद बचाने

भगवान खुदा ईश्वर
कोई कह देता उनको रब है

सभी धर्मों से बड़ा एक
मानवता का मजहब है

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