मुझको तेरी जुदाई बेइंतहाँ सताती है
मुझको तेरी जुदाई बेइंतहाँ सताती है!
शामों-सहर मुझको तेरी याद रूलाती है!
बिखर रही है जिन्दगी दर्द के पायदानों पर,
अश्कों में तैरती मुझे मंजिल नजर आती है!
Composed By #महादेव
मुझको तेरी जुदाई बेइंतहाँ सताती है!
शामों-सहर मुझको तेरी याद रूलाती है!
बिखर रही है जिन्दगी दर्द के पायदानों पर,
अश्कों में तैरती मुझे मंजिल नजर आती है!
Composed By #महादेव
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अश्कों में तैरती …मंजिल … Dard Hai Bhai …