मौसम
जय-जय शिव शंकर
सर्दी हुई भयंकर
जय-जय बम भोले,
गिरने लगे हैं ओले
आई तेजी से बरखा रानी,
झमाझम बरसा पानी
सर्दी से कांपे है तन,
निकला सा जाता है दम
ऐसे मौसम में हाए
गरम चाय बड़ी सुहाए
______✍️गीता
जय-जय शिव शंकर
सर्दी हुई भयंकर
जय-जय बम भोले,
गिरने लगे हैं ओले
आई तेजी से बरखा रानी,
झमाझम बरसा पानी
सर्दी से कांपे है तन,
निकला सा जाता है दम
ऐसे मौसम में हाए
गरम चाय बड़ी सुहाए
______✍️गीता
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.
वाह बहुत खूब
सादर आभार भाई जी🙏
ठंड में चाय की जरूरत को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत लिया गया है। अति उत्तम रचना
आपकी दी गई सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी
बहुत खूब
बहुत-बहुत धन्यवाद सर