याद
अपने गली का होने ना दिया,
खुद के घर चैन से सोने ना दिया।
जाते-जाते मुड़ा इस कदर,
मुस्कान मेरा ले गया,
फिर भी मुझे रोने ना दिया।
अपना कह कर अपना बना ना सका,
लाकर छोड़ा इस मोड़ पर,
मुझे किसी और का होने ना दिया।
दुनिया के भीड़ में कहीं गुम हो जाऊं,
ये सोच कर घर से निकली,
उसकी याद ने ऐसे जकड़ा,
कहीं खोने ना दिया ।
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Thank you
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Thank you sir
बहुत खूब
Thank you sir
धन्यवाद सर
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उसकी याद ने ऐसे जकड़ा,
कहीं खोने ना दिया ।
खूबसूरत रचना … साझा करने के लिए आपका धन्यवाद
Thank you sir
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वाह बहुत सुंदर
Thanks
वाह