Categories: शेर-ओ-शायरी
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व्यंग्य …………………………………… ****** पूंछ— पुराण (समग्र)****** कभी देखा है ;आपने , ऐसा कुत्ता ! जो ; देखने में हो छोटा–सा मगर;पूंछ उसकी लंबी हो यानि…
दिल की बात
दिल का मंदिर वीरान है , तेरी तस्वीर लगा लूँ , बैठा रहूँ बस सजदे में , तुझे वो देवता बनल लूँ , परवाह नहीं …
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ठान लूँ गर मैं तो कुछ भी कर सकती हूँ ठान लूँ गर मैं तो असंभव भी संभव कर सकती हूँ ठान लूँ गर मैं…
हिन्दी गजल- दिल की किताब |
हिन्दी गजल- दिल की किताब | दिल की किताब तेरी पढ़ लूँ तो क्या होगा | बिन कहे बात तेरी जान लूँ तो क्या होगा…
घर और खँडहर
घर और खँडहर ईटों और रिश्तों मैँ गुंध कर मकान पथरों का हो जाता घर ज्यों बालू , सीमेंट और पानी…
बेहद खूबसूरत रचना
वाह
Nice
👏👏