रोटी का होना जरूरी है पहले
कूड़े के ढेरों में
कुछ तो मिलेगा,
जरा सा खुशी का
सहारा मिलेगा।
नन्हें हैं वे,
रात भर सोचते हैं,
प्रातः को कूड़े में
पथ ढूंढते हैं।
बहुत खुश हुए
जब मिली एक कॉपी
आधी लिखी थी
खाली थी आधी।
अब सोचते हैं
कलम गर मिले तो
नाम खुद लिखना
सीखना है हमको।
मगर भूख कहती है,
कलम और कॉपी
छोड़ो अभी पहले
रोटी तो खोजो।
जिंदा रहें
यह जरूरी है पहले,
रोटी का होना
जरूरी है पहले।
—-डॉ0 सतीश चंद्र पाण्डेय
बहुत-बहुत धन्यवाद
सादर आभार
Very very nice
Thanks
बहुत ही शानदार
धन्यवाद
ग़रीब बच्चों की छोटी-छोटी खुशियों को दर्शाती हुई कवि सतीश जी की मार्मिक रचना
सादर आभार
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद