Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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हे अटल! अटल रहो
अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर विशेष प्रस्तुति:- ********************************************* हे अटल ! अटल रहो यूँ ही हृदय में बसे रहो दिव्य ज्योति बनकर सदा…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अटल-जयंती
क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं, कर्तव्य पथ पर जो मिला यह भी सही वह भी सही, वरदान नहीं मांगूंगा, हो…
अटल अविचल धर पग बढ़ नारी
अटल अविचल धर पग बढ़ नारी जीवन मे नव इतिहास गढ़ नारी नारी है तू यह सोच न कमतर कम॔ कर तू अभिनव हटकर तुझसे…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
Waaah
ये hai kya????