वक्त को बदल ले मेहनत से
वक्त ऐसा है
हालात इस तरह के हैं
कैसे आगे बढूं
यह न सोच मन में।
वक्त को बदल ले मेहनत से,
न रख स्वयं को गफलत में,
कि खुद ब खुद होगा सब कुछ,
कर्म से
तुझे स्वयं की राह
बनानी होगी,
बहा पसीने को
ठंड भगानी होगी।
मन में जितनी भी हैं ग्रन्थियां
उनको झकझोर कर
नई उमंग जगानी होगी।
पाने को कल की मंजिल
आज ताकत लगानी होगी।
बहुत खूब, अति उत्तम
Very nice poem
नई उमंग जगानी होगी।पाने को कल की मंजिल
आज ताकत लगानी होगी।
____ सही वक्त पर मेहनत की महत्ता बताती हुई कवि सतीश जी द्वारा प्रस्तुत बहुत उत्कृष्ट रचना। बेहतर शिल्प और कथ्य सहित उम्दा प्रस्तुति
अतिसुंदर भाव
सुंदर रचना