” वक़्त लगता हैँ यहाँ “

वक़्त लगता हैं यहाँ , इंसान को इंसान समझने में …….

वक़्त लगता हैं यहाँ , पत्थर को भगवान समझने में ……

आधी उम्र बीत जाती हैँ सोचने सोचने में ..

क्योंकि वक़्त लगता हैं यहाँ , जीने के अरमान समझने में …..

 

पंकजोम ” प्रेम “

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