शाम अब ऐसी लगती है
शाम अब ऐसी लगती है
जैसे बीते दिन का पुराना अखबार रखा हो
ना कोई नयी खबर है…
ना कहने को कोई किस्सा…
ना धूप सुनहरी लगती है..
ना रात स्याह…
सब कुछ फीका सा हो गया है जैसे
वो भी क्या वक़्त था…
जो college की तस्वीर मे कैद हो गया
– लवराज टोलिया
bahut ache dost!
wo yaaden !!…..nice
वाह बहुत सुंदर
वाह वाह
बहुत उम्दा