शायरी

देश धर्म के ख़ातिर
है अपनी जान हथेली पे।
वीर सिपाही हैं हिन्दी
हम कुर्बां जन्महवेली पे।।

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)

वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…

देश के वीर जवानों के लिए

🍀🌷🌹🙏नमन् है मेरे देश के वीर सिपाही को 🍀🌹🙏 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोटी कोटी प्रणाम है मेरे देश के वीर सिपाहियों को जो अपनी जान की परवाह…

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