सरहद

सौ दफा मैं हारा बेशक
जिद है फिर भी जीत की
सरहद नहीं होती कोई
परिंदों और प्रीत की।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज

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Responses

  1. कहा गया है;
    गिरते हैं घुड़सवार ही मैदाने जंग में’
    जो कदम बढ़ायेगा वह गिरेगा और आगे भी बढ़ेगा
    सच ही कहा आपने परंदों और प्रीत की कोई सरहद नहीं होती
    वो तो हर सीमा को पार कर जाते हैं

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