” सुराही – ए – मोहब्त “
दिल बेचैन हुआ , तो उसके दीदार का दिया दिलासा हैं …..
जाने वाले कल चले गए ,
लेकिन आज भी उनके लौट आने की ….
छोटी सी आशा हैं …..
अब कोई तो बने सुराही – ए – मोहब्त ….
क्योंकि ये सुख़नवर बहुत , प्यासा हैं ….
पंकजोम ” प्रेम “
Bahut khoob
Dhnyawad bhai…
lajwab
Sukkriyaa ..ankit bhai
Tnquuu yaaraa.. .
bhut badiya
Tnxx brooo..
Bahut khoob
शानदार प्रस्तुति