“हमरी अरज सुनि लीजै ओ छठी मैया”
अवधी देवीगीत:- ‘छठ पूजा स्पेशल’
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ओ छठ मैया !
हमरी अरज सुनि लीजै…
सात बरस मोरे ब्याह को होवै
ललनवा तरसे मोर अंगनवा
ओ छठ मैया !
दईदेऊ हमकऊ ललनवा…
सास-ननद मोहे नाता मारैं
जिठनी मनहिं मुसकावैं
ओ छठ मैया !
हमरी अरज सुनि लीजै…
राह चलत सब निरवंशी कहैं मोहे
मोरी सूरतिया असगुनही मानैं
ओ छठ मैया !
हमरी अरज सुनि लीजै..
सेंदुरिया सूरज हम अर्घ देइति हन
तोरी किरिपा हमई मिलि जावै
ओ छठी मैया !
हमरी अरज सुनि लीजै…
वाह वाह क्या बात है लाजवाब अभिव्यक्ति, सुंदर रचना
Thanks
Oo
Very good👍
Tq
अतिसुंदर
Tq
बहुत खूब
Tq
NICE
Tq