हम इशारा जानते हैं
नाफ़हम मत समझना
हम इशारा जानते हैं,
आपकी नज़रों की जुम्बिश
की दिशा पहचानते हैं।
जर्ब मत दो इस तरह
सीने में अपने नैन से
सह न पाएंगे न जी पाएंगे
फिर हम चैन से।
शब्दार्थ —
जुम्बिश – हरकत
जर्ब – चोट
नाफ़हम मत समझना
हम इशारा जानते हैं,
आपकी नज़रों की जुम्बिश
की दिशा पहचानते हैं।
जर्ब मत दो इस तरह
सीने में अपने नैन से
सह न पाएंगे न जी पाएंगे
फिर हम चैन से।
शब्दार्थ —
जुम्बिश – हरकत
जर्ब – चोट
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बहुत खूब, wow
सादर धन्यवाद
बेहतरीन लिख रही है आपकी कलम पाण्डेय जी
Thank you ji
सुन्दर अभिव्यक्ति
सादर धन्यवाद जी
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद जी
बहुत ही सुन्दर
सादर आभार जी
बहुत खूब
सादर धन्यवाद जी
कवि मन के भावों की खूबसूरत रचना और प्रस्तुति।
इस उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु सादर अभिवादन
बहुत ही बढ़िया
थैंक्स जी